i) मुन्नी ने समर को क्या बताया? एवं समर की उस पर क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर- मुन्नी ने समर से जब पूछा कि भैया, क्या आप दूसरी शादी करोगे तो समर ने गुस्से से कहा कि एक शादी करके तो बहुत खुश हूँ दूसरी किसके नाम को रोएगी। उस क्षण समर को लगा कि घरवालों के व्यवहार से न जाने प्रभा कितनी दुखी होगी। उसके बारे में तो कभी किसी ने सोचा ही नहीं, सब उसे भूल ही गए हैं जैसे कि वो मर गई हो । तब लगा कही प्रभा ने तो ऐसा लिखकर नहीं भेजा, पढ़ी-लिखी लड़कियों के दिमाग का भी कुछ पता नहीं चलता तब मुन्नी से पूछा, तुम्हें किसने ऐसा कहा, तो पता चला कि रात को जब भाभी अम्मा के पाँव दबाती है तो यही बातें होती हैं। समर ने भी गुस्से से कहा – मैं सच कहता हूँ मुन्नी मैं घर छोड़कर भाग जाऊँगा, भले ढंग से पढ़ना चाहता हूँ वो तो पढ़ाया नहीं जाता और अब चार-चार शादियाँ करके रख दो।
2. भाभी ने समर को क्या बताया और प्रभा के बारे में क्या कहा ?
उत्तर- भाभी ने समर को बताया कि शायद प्रभा के घरवाले उसे वापिस भेजना चाहते अब तो महारानी जी सारी जिंदगी के लिए तुमसे बँध गई है। भाभी ने प्रभा पर व्यंग्य करते कहा – कसम से कहती हूँ लालाजी मैंने ऐसी घमण्डी लडकी उमर भर नहीं देखी। महारानी जी घड़ी डालकर खाना बनाने बैठी थी बताओ चौंके मैं घड़ी का क्या काम, औरत पर लगाम डालकर रखनी पड़ती है। और कहा लालाजी दबाकर रखना अब की बार।
3. समर ने बाबूजी से क्या माँगा और बाबूजी का व्यवहार कैसा था?
उत्तर- समर ने बाबूजी से बोर्ड की फीस देने के लिए पच्चीस रुपये माँगे। समर ने डरते-डरते कहा-बाबूजी बोर्ड की फीस देनी ही पच्चीस रुपये’ बाबू जी ने अपनी जेब से पच्चीस रुपये निकालकर रखते कहा- यह लो – ये मेरी पेंशन आई है पच्चीस रुपये’ यह तुम ले लो, हमारा क्या है हम तो जिंदगी भर तुम्हारे लिए करेंगे। कर्म में लिखा कर लाए थे कि बच्चे ऊँट जितने हो जाए तो 1. उन्हें खिलाते रहना। समर बाबू जी के इस कठोर व्यवहार से बहुत दुखी हुआ तभी बाबू जी ने समझाते कहा- समर घर की कितनी परेशानियाँ है बताओ मैं क्या करू – कही दोबारा नौकरी करने की मुझमें हिम्मत नहीं है बाबूजी की बात सुनकर समर भी सोचने लगा – सच में बाबूजी भी कहाँ तक करें।