- महाकवि कालिदास रचित मेघदूतम् एक खंडकाव्य है
- आधुनिक विद्वानों ( मैक्डोनल ) ने इसे गीतकाव्य की संज्ञा दी है
- संपूर्ण ग्रंथ दो भागों में पूर्वमेघ तथा उत्तर मेघ में विभक्त है
- पूर्व मेंघ में 66 श्लोक, उत्तरमेघ में 55 श्लोक है,
- पूर्व में गणेश राम जी री से हिमालय स्थित अलकापुरी की भौगोलिक स्थिति का चित्रण है
- उत्तर मेघ में अलका पुरी का वैभव विकास यक्षिणी का विरह चित्रित है
- संपूर्ण काव्य मे मंदाक्रांता छंद है
- विप्रलम्भ श्रंगारात्मक रस है