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मुख्य बिंदु
- गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊँचा है।
- गुरु ही ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग बताता है ।
- अहंकार और ईश्वर एक साथ नहीं रह सकते। अहंकार रहित होकर ही ईश्वर प्राप्ति संभव है।
- मुसलमानों द्वारा अज़ान की दी जाने वाली आवाज़ का कबीर ने विरोध किया है।
- हिंदुओं द्वारा की जाने वाली मूर्ति पूजा भी ढोंग है।
- पत्थर पूजने से यदि भगवान मिलें तो कबीर पहाड़ की पूजा करने को तैयार हैं।
- मूर्ति से वह चक्की अच्छी है जिसके द्वारा पीसे गए अनाज से लोगों का पेट भरता है।
- सात समुद्रों के पानी की स्याही बनाकर, जंगल के पेड़ों की कलमें बनाकर और पूरी धरती को कागज बनाकर भी ईश्वर के गुणों का वर्णन नहीं किया जा सकता।
- कबीर की भाषा सधुक्कड़ी या पंचमेल खिचड़ी है।
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