1. प्रभा के जाने के बाद समर के मन की क्या स्थिति थी?

उत्तर- प्रभा एक तूफान की तरह आई और लहर की तरह चली गई प्रभा के जाने के बाद घर में यही बातें होती कि जितना शादी से चाहा था उतना मिला नहीं। समर को लगता कि सब उसके कारण घर में ज्यादा प्रभा को याद नहीं करते उसे लगता था मानो उसकी अनिच्छा को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। एकाध बार भाभी ने समर से हँसकर कहा-ठीक है लालाजी सब ढंग आ जाएंगे। औरत को जब तक दबाकर न रखा जाए हाथ नहीं आती। परन्तु जब कभी अब प्रभा की घर में बुराई होती तो समर का मन कहीं न कहीं दुखी होता, न चाहते हुए भी उसे बुरा लगता। वह खुद से पूछता- “यह हो कैसे सकता है कि मेरी पत्नी चार दिन मेरे “घर रही हो और में उससे एक शब्द भी न बोला हूँ। ”

2. मुन्नी कौन है एवं उसे अभागिन क्यों कहा गया है?

उत्तर- मुन्नी समर की बहन है वह समर से दो साल छोटी है दो-तीन साल पहले सोलह-सत्रह साल की उमर में उसकी शादी कर दी गई घर की कई चीजें बेचकर उसका दहेज पूरा किया गया परन्तु उसके ससुराल वालों का मन नहीं भरा, ससुराल से मुन्नी के करूणा भरे खत आते वह बुरी तरह रोती, उसकी सास और पति उस पर तरह-तरह के अत्याचार करते, एक दिन उसका पति किसी और औरत को घर ले आया, उस दिन से मुन्नी का वहाँ रहना मुश्किल हो गया। वह मुन्नी से अपनी व अपनी रखैल की सेवा करवाता। एक दिन मुन्नी शरीर पर नील के निशान लेकर घर वापिस आ गई।

3. समर के घरवालों का समर के प्रति कैसा व्यवहार था?

उत्तर- समर को भी महसूस होता था कि मानो उसके घरवालों ने मिलकर उसके विरुद्ध षडयन्त्र रच लिया है कि उसे अकेला छोड़ दिया जाए। वह बात-बात पर समर के प्रति अपमानजनक उदासीनता का व्यवहार करते, उससे घृणा करते हैं, सबके चेहरों पर उसे अपने प्रति तीखा तिरस्कार दिखाई देता। समर को घर आते समय विचित्र सा आंतक लगता। उसका मन धड़कता। घर वालों को लगता कि समर की शादी से उनकी आशाएँ पूरी नहीं हुई। उन्हें समर की शादी में मिलने वाले दहेज से बड़ी आशाएँ थी परन्तु जब प्रभा दहेज में ऐसा कुछ न लेकर आई तो उनका व्यवहार प्रभा एवं समर के प्रति बदल गया।