1. अमर ने समर को उसके ससुराल से वापिस लौटकर क्या बताया ?

उत्तर- अमर ने लौटकर समर को बताया कि भैया, वो लोग तुम्हारी बड़ी तारीफ कर रहे थे और कह रहे थे – कितनी पढ़ाई रह गई है और इस समय प्रभा को ले जाने से पढ़ाई का नुकसान तो नहीं होगा ? और कह रहे थे कि जितना पढ़ोगे उन्हें तो खुशी होगी, परन्तु समर को विश्वास नहीं हुआ कि उसके ससुराल वालों ने उसकी तारीफ की है। उसे प्रभा के प्रति अपने द्वारा किए गए व्यवहार पर बहुत पश्चाताप हो रहा था। और यह भी बताया कि वह गुस्सा कर रहे थे कि पहली बार भाभी को ले जाने के लिए समर को आना चाहिए था।

2. समर घर जाते समय झिझक क्यों रहा था, प्रभा के घर वापिस आ जाने पर उसकी क्या प्रतिक्रिया थी?

उत्तर- समर प्रभा के घर वापिस आ जाने के कारण घर आते समय झिझक रहा था उसे महसूस हो रहा था कि उसका व्यवहार प्रभा के प्रति तनिक भी उचित नहीं था वह केवल इसलिए अपनी पत्नी से नहीं बोला क्योंकि उसे अभी शादी नहीं करनी थी। फिर भी वह हिम्मत करके घर वापिस आया और इस प्रकार का चेहरा लेकर मानो उसे पता ही नहीं था कि प्रभा घर वापिस आई है। मुन्नी के कहने पर कि – भैया भाभी आ गई है तो उसने (समर ने) कहा- आ गई तो क्या कर। परन्तु समर के मन में कहीं न कहीं एक उत्सुकता भी व्याप्त थी प्रभा को देखने की क्योंकि अपने द्वारा किए गए व्यवहार से वह शर्मिन्दा था इसी कारण प्रभा के सामने जाने से झिझक रहा था परन्तु प्रभा के प्रति उसके मन में कही न कही स्नेह छिपा बैठा था।

3. समर के मन में क्या सुनकर प्रभा के प्रति फिर घृणा का भाव भर गया ?

उत्तर- समर को भाभी के कमरे से आवाज़ आई कि भाभी प्रभा को समझा रही थी कि प्रभा ऐसा नहीं करते, तुम अपने कमरे में जाकर सो जाओ, लेकिन प्रभा नहीं मान रही थी उसने भाभी से कहा जबरदस्ती वहाँ कहाँ जाकर सो जाऊँ ? मुझसे तो नहीं होता जेठानीजी, कि कोई हटकारता रहे और पूँछ हिलाते रहो, ठोकर मारता रहे और तलुए चाटते रहो। उनके बोर्ड के इम्तिहान है मैं क्यूँ तंग करूं, कुछ हो गया तो सब मेरा ही नाम लेंगे। समर को यह सब सुनकर लगा कि कितना अंहकार है प्रभा में, इसी कारण उसके मन से प्रभा के प्रति घृणा का भाव उत्पन्न हो गया। उसे लगा में व्यर्थ में ही अपने व्यवहार पर ग्लानि का 1. भाव रख रहा था, मैंने जैसा किया अच्छा किया। प्रभा की बातें सुनकर समर के हृदय में उसके प्रति घृणा का भाव भर गया।