हालदार साहब के लिए कौन-सी बात चकित और द्रवित करने वाली थी ?

  1. मूर्ति बनाने वाला कस्बे का एक अध्यापक था
  2. मूर्ति बहुत सुन्दर थी
  3. मूर्ति को बनाने वाला कोई बड़ा कलाकार नहीं था
  4. मूर्ति बहुत थोड़े समय में बनाई गई थी

Answer : मूर्तिबनाने वाला कस्बे का एक अध्यापक था

मूर्तिकार क्या तय नहीं कर पाया होगा ?

  1. मूर्ति इतनी जल्दी कैसे पूरी की जाए?
  2. मूर्ति के लिए संगमरमर पत्थर कहाँ से लाया जाए?
  3. मूर्ति के लिए पत्थर का पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए?
  4. मूर्ति पर कौन-सा चश्मा फिट किया जाए?

Answer : मूर्ति के लिए पत्थर का पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए?

कुछ और बारीकी के चक्कर में ‘वाक्य का प्रयोग किस संदर्भ में किया गया है ?

  1. काँच के चश्मे के संबंध में
  2. मूर्ति को सुंदर बनाने के संबंध में
  3. मूर्ति को जल्दी बनाने के संबंध में
  4. मूर्ति को नेताजी जैसा दिखाने के संबंध में

Answer : काँच के चश्मे के संबंध में

‘पारदर्शी’ का अर्थ है-

  1. जिसके आर-पार न देखा जा सके
  2. जिसके आर-पार देखा जा सके
  3. जिसके आर-पार धुँधला दिखाई दे
  4. इनमें से कोई नहीं

Answer : जिसके आर-पार देखा जा सके

मूर्ति बनाने वाला कहाँ काम करता था ?

  1. वह कस्बे के स्कूल में चपरासी था
  2. वह कस्बे के स्कूल में गणित का अध्यापक था
  3. वह कस्बे के स्कूल में प्रधानाचार्य था
  4. वह कस्बे के स्कूल में ड्राइंग मास्टर था

Answer : वह कस्बे के स्कूल में ड्राइंग मास्टर था

हालदार साहब अंत में किस निष्कर्ष पर पहुँचे?

  1. मूर्ति पर संगमरमर के चश्मे के न होने पर रियल चश्मा लगाने का प्रयास सराहनीय था।
  2. चौराहे पर मूर्ति का लगाना कस्बे के नागरिकों का ठीक प्रयास नहीं था।
  3. चौराहे पर लगी मूर्ति बेहद सुंदर लग रही थी।
  4. मूर्ति पर लगा चश्मा उपयुक्त नहीं लग रहा था।

Answer : मूर्ति पर संगमरमर के चश्मे के न होने पर रियल चश्मा लगाने का प्रयास सराहनीय था।चौराहे पर मूर्ति का लगाना कस्बे के नागरिकों का ठीक प्रयास नहीं था।

महत्व मूर्ति के रंग-रूप या कद का नहीं बल्कि……… का है।

  1. उसमें निहित भावना
  2. उसके संदेश
  3. उससे मिलने वाली प्रेरणा
  4. उसे बनाने में खर्च हुए पैसों

Answer : उसमें निहित भावना