1. महाकवि कालिदास रचित मेघदूतम् एक खंडकाव्य है
  2. आधुनिक विद्वानों ( मैक्डोनल ) ने इसे गीतकाव्य की संज्ञा दी है
  3. संपूर्ण ग्रंथ दो भागों में पूर्वमेघ तथा उत्तर मेघ में विभक्त है
  4. पूर्व मेंघ में 66 श्लोक, उत्तरमेघ में 55 श्लोक है,
  5. पूर्व में गणेश राम जी री से हिमालय स्थित अलकापुरी की भौगोलिक स्थिति का चित्रण है
  6. उत्तर मेघ में अलका पुरी का वैभव विकास यक्षिणी का विरह चित्रित है
  7. संपूर्ण काव्य मे मंदाक्रांता छंद है
  8. विप्रलम्भ श्रंगारात्मक रस है