सती (Summary)

लेखिका (शिवानी) को प्रयाग स्टेशन से गाड़ी पकड़नी थी। स्टेशन पर तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ थी। रिजर्वेशन स्लिप में ढूँढने से उन्होंने पाया कि डिब्बे में तीनों सहयात्री महिलाएँ थीं। दो महिलाएँ आ चुकी थीं जिनमें एक महाराष्ट्रियन और दूसरी पंजाबी थी। दोनो महिलाओं के पास काफी सामान था। पंजाबी महिला संभवतः किसी मीटिंग में भाग लेने जा रही थीं। उन्होंने सलवार कमीज दुपट्टा सभी खादी के पहन रखे थे। उनके चेहरे पर रौब था, लावण्य नहीं। उन्होंने अपने परिचय में बताया कि वे पंजाब के एक विस्थापित स्त्रियों के लिए बनाए गए आश्रम की संचालिका थीं। मराठी महिला ने अपना कोई परिचय नहीं दिया। उनके सामान पर लगे लेबल से पता चला कि वह मेजर जनरल बनोलकर की पत्नी थीं। गाड़ी के सीटी देते ही चौथी महिला ने डिब्बे में प्रवेश किया। उनके हाथ में बेंत की बनी एक छोटी टोकरी थी और काँख में चौकोर बटुआ। उनकी लम्बाई छ: फुट साढ़े दस इंच थी। चौथी महिला ने अपना परिचय देते हुए कहा कि ‘उनका नाम मदालसा सिंघाड़िया है। वह कल ही प्रिटोरिया से भारत आयी हैं अपने पति की मृत देह लेने।’ मदालसा की वेश-भूषा को देखकर नहीं लग रहा था कि वह विधवा है उसने बताया कि-” असल में पिछले वर्ष एक पर्वतारोही दल के साथ मेरे पति भारत आए थे। वहीं एक एवलँस (तूफान) के नीचे दबकर उनकी मृत्यु हो गई। ” भारत सरकार की सूचना पर वह भागती हुई आई है। वह भारत में सती होने के लिए आई है। तीनों महिलाएँ यह सुनकर स्तब्ध रह गईं। खादीधारी पंजाबी महिला उठकर मदालसा के सिरहाने बैठ गई और बोली-“नहीं, आपको ऐसी मूर्खता करने का कोई अधिकार नहीं है। यह एक अपराध है। क्या आप नहीं जानतीं ? ” पंजाबी महिला ने मदालसा से कहा कि वह उसके साथ चलेगी। पति के अंतिम संस्कार के बाद इसेअपने आश्रम में ले जाएगी। मदालसा अपने निश्चय पर अडिग रही और बोली मेरी परनानी और नानी तथा माँ भी सती हुई थीं।इसके बाद मदालसा ने सबसे खाना खाने के लिए कहा और स्वयं मुँह हाथ धोने गुसलखाने में चली गई। उसके वहाँ से जाते ही हम तोनों ने उसके सती होने के संबंध में बातचीत की। मराठी महिला ने उसे अजीब औरत कहा, क्योंकि मरने वाला ढिंढोरा पीटकर नहीं मरता। खादीधारों महिला का पूर्ण विश्वास था कि मदालसा अवश्य सती हो जाएगी। हमें पुलिस को खबर करनी चाहिए। तभी मदालसा हाथ-मुँह धोकर आ गई। सबने अपने-अपने टिफिनदान निकाल लिए और सबने खाना खाया। खाना खाने के बाद मदालसा ने पानदान निकालते हुए कहा“यह मेरे नीलू ने मुझे बगदाद से लेकर भेंट किया था। उसे पान बेहद पसंद थे।” उसने खुद पान खाया और तीनों महिलाओं को भी खिलाया फिर चारों महिलाओं में सती प्रथा पर भी बहस छिड़ गई। थोड़ी देर बार मदालसा बोली- ‘चलो जी. अब सो जाओ।तीनों महिलाएँ गहरी नींद में सो गईं और तरह-तरह के सपने देखने लगीं। जब सबकी आँख खुली तो देखा मदालसा गायब थी। वह अपने साथ सबका सामान ले गई थी। सुना है कुकुरमुत्तों को पीसकर बनाया गया विष खाकर भी गहरी नींद आती है। लेखिका को लगा कि वह विष अवश्य ही हमें खिलाया गया होगा। पंजाबी महिला बिलख रही थी कि उसके सूटकेस में आश्रम के दस हजार रुपये थे। मिसेज वनोलकर बोली कि उनके विवाह का जड़ाऊ सेट गायब है। लगता है सती की बच्ची हमें कोई विष खिला गई। सिर फटा जा रहा है। चेन खींचकर गाड़ी रोकी गई। सती को पकड़वाने के लिए पुलिस को खबर की गई, पर वह आज तक नहीं मिली |

‘सती’ शीर्षक कहानी का उद्देश्य

प्रत्येक कहानी का अपना कोई न कोई उद्देश्य अवश्य होता है प्रस्तुत कहानी का उद्देश्य भी हास्य-व्यंग्यात्मकता के माध्यम् से यह बताना है कि यात्रा करते समय हमें हमेशा सजग रहना चाहिए। किसी की बातों में आकर उसपर इतना विश्वास न कर लें। कि वो अन्त में आपको ही लूट कर भाग जाए। कहानी का उद्देश्य सामाजिक कुरीति सती प्रथा का विरोध करना भी है सती प्रथा जो प्राचीन समाज की एक सामाजिक कुरीति थी उसका सहारा लेकर कहानी का उद्देश्य प्रस्तुत किया गया है। यात्रा के समय हमें अपने सामान, अपने आस-पास के लोगों के प्रति सजग रहना चाहिए।

मदालसा का चरित्र – चित्रण कीजिए।

उत्तर – मदालसा इस कहानी की केन्द्रीय पात्र है उसी के द्वारा बनाये गये कथानक पर कहानी का नाम भी सती रखा गया है।

( 1 ) आर्कषक नारी – मदालसा एक आर्कषक नारी थी कद में लम्बी वह पठानिन के समान गठे शरीर वाली स्त्री थी जैसे ही उसने गाड़ी में प्रवेश किया तीनों महिलाएँ उसे देखकर हैरान रह गई।

( 2 ) वाचाल – मदालसा ज्यादा बोलने वाली स्त्री थी गाड़ी में प्रवेश करते ही उसने अपनी बातों के जादू में सबको मस्त कर लिया कि वह अपने पति की मृतक देह के साथ सती होने जा रही है। है

( 3 ) झूठ बोलने वाली – वह झूठ बोलने वाली स्त्री भी है वह वास्तव में गाड़ी में सबसे झूठ ही बोलती है कि वह भारत में अपने पति की मृतक देह लेने आई है ताकि वह अपने पति के साथ सती हो जाए परन्तु ऐसा कुछ नहीं होता बल्कि वह सबका सामान लेकर भाग जाती है।

( 4 ) चतुर स्त्री – मदालसा एक चतुर स्त्री थी वह सबको अपनी बातों में – उलझाकर, स्वादिष्ट भोजन की लालसा देकर, उनको लूटकर चली जाती है और वह तीनों महिलाएं सिर पकड़कर बैठ जाती है।

प्रश्न – सती कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- कहानी का शीर्षक सार्थक एवं उचित होना चाहिए। प्रस्तुत कहानी का शीर्षक उचित एवं समीचीन है कहानी का शीर्षक सती उत्तम शीर्षक है सम्पूर्ण कहानी में सती प्रथा का ही वर्णन होता है मदालसा स्त्री अपने पति की मृत्यु के साथ अपने आपको भी सती करना चाहती है पंजाबी महिला समाज सेविका होने के नाते उसे समझाती है परन्तु वह किसी की बात नहीं मानती तभी

प्रश्न सती कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है।

उत्तर- सती कहानी एक तरफ तो समाज की कुप्रथा सती प्रथा से दूर रहने की प्रेरणा देती है तथा दूसरी तरफ यात्रा के समय सजग एवं सतर्क रहने की शिक्षा भी देती है कि यात्रा के समय सहयात्रियों पर इतना भी विश्वास न करें कि वह आपको लूट कर ले जाए। लेखिका एवं उसकी सहयात्रियों के साथ भी यही हुआ कि वह सती उनको लूटकर भाग गई।

प्रश्न सती होने के वाक्य पर समाज-सेविका ने उसको क्या समझाया ?

उत्तर – सती होने के वाक्य पर समाज-सेविका ने उसे समझाया कि आपको सती होने की मूर्खता करने का कोई अधिकार नहीं है यह एक अपराध है भावावेश में नारी कई बार बड़ा बचपना कर बैठती है हाल ही में मेरे आश्रम की दो युवतियों ने ऐसी मूर्खता की। मुझे ही देखिए भारत-विभाजन के समय मेरे पति की हत्या कर दी गई। पर मैं क्या सती हो गई, सती होना अत्यधिक मूर्खता का कार्य है।

प्रश्न पंजाबी महिला कौन थी एवं कहां जा रही थी?

उत्तर- पंजाबी महिला एक समाज-सेविका थी वह लखनऊ में एक मीटिंग में जा रही थी वे पंजाब के एक विस्थापित स्त्रियों के लिए बनाये गए आश्रम की संचालिका थी समाज-सेविकाओं में उसका नाम काफी आगे था।

प्रश्न चौथी महिला कौन थी एवं कहाँ जा रही थी?

उत्तर – चौथी महिला का नाम मदालसा सिंघाड़िया था वह अपने पति की मृतक देह लेने जा रही थी उसका पति एक वर्ष पहले पर्वतारोही के साथ भारत आया था और तूफान में दब कर उसकी मृत्यु हो गई थी बर्फ में दबे होने के कारण उसके पति की देह ज्यों की त्यों मिली थी तो भारत सरकार के सूचित करने पर वह अपने पति की देह लेने जा रही थी ।

प्रश्न मदालसा के भोजन को देखकर तीनों महिलाओं ने क्या किया उसके भोजन में क्या-क्या था?

उतर- मदालसा ने जब अपना डिब्बा खोला तो उसे तरह-तरह के पकवान थे तीनों महिलाओं का ध्यान उसके खाने की तरफ केन्द्रित हो गया। मदालसा के भोजन में सुनहरी मोयनदान कचौड़ियां मसालों की गहरी परत चढ़ी सब्जियाँ, रायता, चटनी, मेवे, लड्डू इत्यादि, तभी समाज-सेविका की जीभ से लार टपक रही थी और देखते ही वह कचौड़ियों पर टूट पड़ी।

प्रश्न सती होना एक अपराध है- इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर- सती होना एक अपराध है प्राचीन समय में सती प्रथा बहुत प्रचलित थी प्रत्येक स्त्री को अपने पति की मृत्यु पर उसी के साथ ही सती होना पड़ता था चाहें उसकी इच्छा हो चाहे न हो धीरे-धीरे यह कुप्रथा भारत में से समाप्त होती चली गई कई महापुरुषों ने इस कुप्रथा का विरोध किया तब कहीं जाकर यह कुप्रथा काफी हद तक समाप्त हुई। हम इस सती प्रथा को एक अपराध मानते हैं क्योंकि किसी भी इन्सान को बिना किसी अपराध के जिन्दा जलाना भी एक अपराध है इसलिए सती होना हम एक अपराध मानते हैं।

अवतरणों पर आधारित प्रश्नोत्तर

  1. “एक लम्बी साँस खींचकर उन्होंने कहा, मैं असल में सती होने भारत आई हूँ।”

i) कहानी और कहानीकार का नाम लिखिए।

उत्तर- कहानी का नाम ‘सती’ और कहानीकार का नाम ‘शिवानी’ है।

(ii) वक्ता का परिचय दीजिए।

उत्तर- वक्ता एक स्त्री है जो अपना नाम मदालसा बताती है। उसका कहना है कि वह मदालसा सिंघाड़िया है और प्रिटोरिया से आई है। वह अपने मृत पति का शव लेने आई है जो तूफ़ान में दबकर एक वर्ष पूर्व मर गया था।

(iii) श्रोता स्त्रियों का परिचय दें।

उत्तर- श्रोता स्त्रियों में एक पंजाबी, एक मराठी तथा तीसरी स्वयं लेखिका थी।

(iv) सती प्रथा के विषय में कहानीकार ने क्या विचार दिया है ?

उत्तर- लेखिका शिवानी ने अपनी कहानी तथा पात्रों के माध्यम से यह स्थापित किया है कि सती प्रथा एक पाखंड तथा ढोंग है। यह मानवता के विरुद्ध एक घोर अपराध है। यह कहानी मदालसा के प्रसंग में एक व्यंग्य के रूप में उभरती है। जिस प्रकार उसने अपनी सहयात्री स्त्रियों को ‘सती’ का पाखंड करके लूटा है इसी प्रकार हमारा समाज हमें इस प्रथा के नाम पर लूटता आया है।