अवतरण संबंधित प्रश्न – उत्तर

1.“अम्मा-बाबूजी को नाराज करने का तो कारण साफ़ ही था। लेना-देना उनके मन के लायक नहीं हुआ। रुपया-पैसा, अच्छा जेवर-कपड़ा, कुछ भी तो नहीं ला सकी। इसमें पढ़ी-लिखी होना भी एक दुर्गुण बन गया। यों मुन्नी बीबी ने तो इसका खूब प्रचार किया ही दबी जबान से, अम्मा ने भी संतोष प्रकट किया कि लाई चाहे कम होऊं, लेकिन बड़ी बहू से लाख दरज़े अच्छी हूँ देखने-सुनने में। बस तुम्हारी भाभी को नाराज़ करने के लिए ये दो-तीन बातें काफ़ी थीं। दिन-रात वे अम्मा के कान भरती रहती थीं।

क) अम्मा बाबूजी की नाराजगी के बारे में प्रभा ने क्या कहा ?

उत्तर- प्रभा ने कहा कि अम्मा-बाबूजी की नाराजगी का कारण तो साफ है कि लेना देना उनके मन के लायक नहीं हुआ।

ख) “पढ़ी-लिखी होना भी एक दुर्गण बन गया” वाक्य प्रभा ने क्यों कहा

उत्तर- क्योंकि उसके दहेज के रूप में कुछ न लाने पर घर वालों के सामने उसके पढ़े लिखे होने का कोई महत्व नहीं था।

ग) अम्मा ने क्या संतोष प्रकट किया ?

उत्तर – अम्मा ने संतोष प्रकट करते कहा कि लाई चाहे कम हो, लेकिन बड़ी बहूँ से लाख दरज़े अच्छी है देखने सुनने में।

घ) भाभी नाराज क्यों थी ?

उत्तर – क्योंकि प्रभा की घर में तारीफ होती कि देखने में छोटी बहू बड़ी से अधिक सुन्दर है तो भाभी का नाराज होना स्वाभाविक था।

2.”फिर वही पढ़ने-लिखने पर तानेबाजी?” प्रभा का स्वर तेज गया, “तुम भी अपने घरवालों की ही भाषा में बोलोगे? बताओ, इस पढ़ने लिखने को कहाँ ले जाऊँ? माँ-बाप ने पढ़ा दिया तो क्या करूँ? जो कुछ पहला पढ़ा-लिखा था सब तो भुला दिया।” किसी को घर में आज तक पढ़ने-लिखने का घमंड दिखाया? स्वर में नाराजी थी और गले में गीलापन।

क) प्रभा का स्वर तेज क्यों हो गया ?

उत्तर- क्योंकि जब समर ने कहा तुम भी पढ़ी-लिखी हो, हो तो प्रभा को लगा कि उसके पढ़ने लिखने पर फिर व्यंग्य हो रहा है तो उसका स्वर तेज़ हो गया।

ख) प्रभा ने समर को क्या कहा ?

उत्तर- प्रभा ने कहा कि बताऊँ मैं अपने इस पढ़ने लिखने को कहा ले जाऊँ? माँ बाप ने पढ़ा दिया तो क्या करूँ जो पहले पढ़ा लिखा था यह सब दिया।

ग) प्रभा के गले में गीलापन क्यों आ गया ?

उत्तर- क्योंकि ससुराल में सब उसे पढ़ा-लिखा होने के कारण बहुत चिढ़ाते थे उस पर व्यंग्य करते थे।

घ) किसी को घर में आज तक पढ़ने-लिखने का घमंड दिखाया वाक्य किसने कहा ?

उत्तर- यह वाक्य प्रभा ने कहा।

3.“इतने बे-मन से क्यों कह रही हो?” मैंने कहा, “मुझे मालूम है, तुम्हें मेरी बात नहीं है। लेकिन बताओ, करूँ क्या? और रहा काम, सो कहना सबके लिए बड़ा आसान है, जरा बाहर निकलकर देखोगी तो पता चलेगा कि काम कैसे मिलता है। बड़े-बड़े इंटर और बी.ए. घूमते हैं, कोई कौड़ी को नहीं पूछता। बहुत कोशिश करूंगा तो चालीस-पचास की नौकरी मिल जाएगी। सो दिन-भर कलम घिसनी पड़ेगी और रात को फाइलों का गट्ठर बाँधकर घर लाना पड़ा करेगा।”

क) इतने बे-मन से क्यों कह रही हो वाक्य किसने, किसको कहा ?

उत्तर – यह वाक्य समर ने प्रभा से कहा।

ख) समर ने प्रभा से क्या पूछा?

उत्तर- समर ने प्रभा से नौकरी करने के बारे में पूछा कि क्या करूँ।

ग) समर ने काम के बारे में क्या भाव व्यक्त किए?

उत्तर- समर ने कहा कि काम करने के बारे में कहना तो बड़ा आसान है परन्तु बाहर जाकर पता चलता है कि काम कैसे मिलता है बड़े-बड़े इंटर पास और बी.ए. पास घूमते हैं।

4. “इतना जलाकर अगर जरा-सी खुशामद कर भी ली तो क्या हो गया? फिर बिना मुझे जवाब देने की फुरसत दिए बोली, “हफ्तों से जागने की थकान थी, बहुत बदन टूट रहा था। तबीयत बड़ी उदास थी। जरा-जरा सी देर बाद घर की याद आती। फिर मुन्नी बीबी ने अपना किस्सा सुनाया तो मन और भी बेचैन हो गया। वहीं तो यहाँ बातें करनेवाली थीं। फिर संयोग से उसी दिन खिड़की के सामने वाले घर में वह कमबख्त साँवल की यह जल मरी। और भी दो-एक बातें ऐसी हो गई कि रोने के सिवा कुछ सूझ ही नहीं रहा था। बोलने का तो कतई मन ही नहीं था। फिर सुना कि आपको इच्छा नहीं थी शादी करने की। सारे हौसले तो यों ही मर गए थे। क्या बात करती आपसे ?”

क) ‘इतना जलाकर अगर जरा-सी खुशामद कर भी ली तो क्या हो गया’? वाक्य किसने, किससे कहे ?

उत्तर – यह वाक्य समर ने प्रभा से कहा

ख) समर के सवाल का प्रभा ने क्या जवाब दिया ?

उत्तर – प्रभा ने जवाब देते कहा कि उस दिन हफ्तों से जागने के कारण थकान थी और तबीयत भी कुछ उदास थी बार-बार घरवालों की याद आ रही थी। मुन्नी की कहानी सुनकर और सामने वालों की बहू के जल मरने के कारण मन बड़ाबेचैन था इसी कारण बोलने की इच्छा न थी।

ग) प्रभा को समर को बुलाने का होंसला क्यों नहीं था ?

उत्तर – क्योंकि जब प्रभा को पता चला कि समर की शादी करने की इच्छा नहीं थी तो प्रभा के सभी हौंसले मर गए।

घ) प्रभा ने ऐसा क्यों कहा “क्या बात करती आपसे “?

उत्तर – प्रभा को जब पता चला कि समर की इच्छा नहीं थी शादी करने की तो प्रभा ने कहा, क्या बात करती आपसे?

प्रश्न – उत्तर

1. प्रभा ने समर को सुहागरात के दिन कोई बातचीत न करने का क्या कारण बताया ?

उत्तर- प्रभा ने बताया कि उस दिन शादी के कारण हफ्ते से जागने की थकान थी जिस कारण बहुत थकावट थी और तबीयत भी उदास थी और जरा-जरा सी देर के बाद घर की भी बहुत याद आ रही थी इसी कारण बात करने का मन नहीं किया। प्रभा ने बताया और उस दिन मुन्नी ने जब अपनी कहानी सुनाई तो मन और भी उदास हो गया ऊपर से उसी दिन सामने साँवल की बहू जल मरी तो इन सब कारणों से बोलने का मन नहीं कर रहा था केवल रोने का हो सूझ रहा था और यह भी पता चला कि तुम्हें शादी करने की इच्छा नहीं थी तो सारा हौसला मर गया इस कारण प्रभा ने कोई बात नहीं की।

2.अम्मा-बाबू जी और भाभी प्रभा से क्यों नाराज थे? प्रभा ने क्या कारण बताया?

उत्तर – प्रभा ने बताया कि अम्मा-बाबू जी की नाराजगी का कारण तो साफ ही है क्योंकि लेना-देना उनके मन के लायक नहीं हुआ। प्रभा रुपया-पैसा, कपड़े जेवर, कुछ भी तो उनके मन के मुताबिक न ला सकी जिस कारण उनका नाराज होना स्वाभाविक था और इसी कारण प्रभा का पढ़ा लिखा होना भी एक दुर्गण बन गया और भाभी के नाराज होने का कारण था कि जब अम्मा संतोष प्रकट करने के लिए कहती कि छोटी बहू चाहे लाई कुछ नहीं परन्तु बड़ी बहू से देखने-सुनने में लाख दरजे अच्छी है तो भाभी के नाराज़ होने के लिए यह दो बातें काफी थी।

3.दिवाकर की पत्नी के बारे में प्रभा और समर में क्या बातचीत हुई।

उत्तर – समर ने बताया कि प्रभा, दिवाकर की पत्नी तुमसे मिलना चाहती है उसने कितनी बार कहा कि प्रभा को कभी घर लेकर आओ परन्तु तुम ही बताओं तुम्हें कैसे लेकर जाऊँ अब तो मुझे डर है कि वह कहीं किसी दिन खुद होने आ जाए। अगर वह आ गए तो उनको कहाँ उठाएँ-बैठाएँगे। तभी प्रभा ने कहा, नहीं, उन्हें यहाँ ले भी मत आना। क्या कहेगी सब देखकर, उनक खातिर करने के लिए भी तो यहाँ कुछ भी नहीं है।